
सेक्स वर्कर से बनी समुद्री डाकुओं की रानी तक का सफ़र , ताकत के लिए ‘बेटे’ से भी बनाए संबंध
चीन (China) की एक महिला की ऐसी कहानी है, जो ताकत की भूख, जिद, धोखा और कलंकित संबंधों की घटनाओं से भरी हुई है. सेक्स वर्कर से समुद्री डाकुओं की महारानी बनने वाली चिंग शी 18वीं सदी में समंदर में पुर्तगाल और चीन के सैनिकों का काल बन गई थी. ताकत की सनक इस कदर उसके सिर पर सवार थी कि समुद्री डाकुओं की ‘सत्ता’ हाथ से न चली जाए इसलिए अपने ही गोद लिए बेटे से अवैध संबंध बनाने में भी गुरेज नहीं किया.
6 साल की उम्र से ही देह व्यापार की शुरुआत
चिंग शी का जन्म 1775 में शिनहुई के ग्वांगडोंग में हुआ था. चिंग शी सिर्फ 6 साल की उम्र में ही सेक्स वर्कर बन गई थी. उस समय बंदरगाहों पर ठहरे हुए जहाजों में वेश्यावृत्ति आम बात थी. चिंग शी समुद्री डाकुओं के बीच में ही देह व्यापार करती थी. इसलिए वह समुद्री डाकुओं के बीच पहले से ही चर्चित थी लेकिन किसी को इस बात का अंदाजा न था एक दिन वो इन्हीं लुटेरों पर राज करेगी.
जब समुद्री डाकू दे बैठा दिल
झेंग यी नाम के एक समुद्री डाकू की मुलाकात चिंग शी से हुई. इस मुलाकात के दौरान ही झेंग यी, चिंग शी को दिल दे बैठा और दोनों ने 1801 में शादी कर ली. शादी के लिए डील हुई कि झेंग यी के जीते हुए माल पर आधा हक चिंग शी का होगा. इस शादी के बाद ही झेंग यी ने एक मछुआरा परिवार के लड़के झांग बाओ साइ को गोद ले लिया था.
देखते ही देखते बनी डाकुओं की रानी
1807 में झेंग यी का निधन हो गया. वो उस समय 42 साल का था. चिंग शी चाहती थी कि हर हाल में डाकुओं पर उसी का कंट्रोल रहे. लेकिन चूंकि समुद्री डाकुओं के बीच प्रथा थी कि कोई महिला नेता नहीं बन सकती इसलिए गोद लिए बेटे झांग बाओ के हाथ में बागडोर आ गई. लेकिन चिंग शी ने झांग बाओ को भी अपने जाल में ऐसा फंसाया कि वो वही करता जो चिंग शी कहती यानी झांग बाओ सिर्फ नाम का लीडर था असली ताकत तो चिंग शी के ही हाथ में रही.
इतिहासकारों का कहना है कि चिंग शी के गोद लिए बेटे झांग बाओ के साथ भी अवैध संबंध थे. झांग बाओ बस नाम का ही नेता था. 1810 में किंग साम्राज्य के सामने चिंग शी को आत्मसर्पण करना पड़ा. इसके बाद उसने झांग बाओ से शादी कर ली. चिंग शी और झांग बाओ ने झांग यूलिन नाम के एक बेटे और एक बेटी को भी जन्म दिया. 1822 में 36 वर्ष की उम्र में झांग बाओ की मौत हो गई.
देती थी बर्बर सजाएं
चिंग शी समुद्री डाकुओं की दुनिया में सबसे बर्बर सजाएं देने वाली महिला के तौर पर जानी जाती है. यदि कोई पाइरेट तटीय इलाके में किसी महिला के साथ दुर्व्यवहार करता था तो उसके कान काट दिए जाते थे. यहां तक कि उन्हें नंगा करके घुमाया जाता और दूसरे डाकुओं के सामने मार दिया जाता था. कई साम्राज्यों सहित समुद्री डाकुओं के लिए भी तबाही लेकर आई चिंग शी की 69 साल की उम्र में सोते समय रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई.